
यह राष्ट्रमंडल आखिर है क्या ?
यह एक ऐसा उन देशों का समूह है जो किसी न किसी रूप में कभी ब्रिटेन से जुड़े रहे हैं। अर्थात राष्ट्रमंडल उन देशों का समूह है जिन देशों पर औपनिवेशिक काल के दौरान ब्रितानी शासन था और कालांतर में ये देश स्वतंत्र हो गए। राष्ट्रमंडल के सभी 54 सदस्यों ने लोकतंत्र, लैंगिक समानता, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 में इसके सदस्य देशों और क्षेत्रों की टीमों ने हिस्सा लिया है। राष्ट्रमंडल दिवस की शुरुवात:-ब्रिटिश साम्राज्य संसार में बहुत से देशों में फैला हुआ था, किन्तु धीरे-धीरे सभी देश आजादी की तरफ बढ़ रहे थे। इन देशों को एकत्रित रखने के उद्देश्य से ही राष्ट्रमंडल दिवस मनाने की घोषणा की गई थी, क्योंकि एकता ही इस संसार में शांति कायम कर सकती है।
सन् 1901 में महारानी विक्टोरिया ने पहली बार अपने जन्म दिन पर इस तरह के संगठन में बारे में सोचा था, फिर इनकी मृत्यु के एक साल बाद सर्वप्रथम एम्पायर डे (साम्राज्य दिवस) सन् 1902 में आयोजित किया गया था. कुछ समय बाद सन् 1958 में, हेरोल्ड मैकमिलन ने एम्पायर डे का बाद में नाम बदलकर कामनवेल्थ डे (राष्ट्रमंडल दिवस) कर दिया था. राष्ट्रमंडल के सदस्य देश:- राष्ट्रमंडल में शामिल सदस्य देश निम्नलिखित हैं:-
राष्ट्रमंडल के सदस्य देश :-
- अफ्रीका:- बोत्सवाना, कैमरून, घाना, कीनिया, लेसोथो, मलावी, मॉरिशस, मोज़ाम्बिक, नामीबिया, नाइजीरिया, रवांडा, सेशेल्स, सियरा लियोन, दक्षिण अफ्रीका, स्वाज़ीलैंड, तंज़ानिया, द गांबिया, युगांडा और ज़ाम्बिया।
- अमरीकी देश:- बेलिज़, बरमूडा, कनाडा, फॉकलैंड द्वीप समूह, गुया ना और सेंट हेलेना।
- एशिया:- बांग्लादेश, ब्रुनेई दारुस्सलम, भारत, मलेशिया, मालदीव, पाकिस्तान, सिंगापुर और श्रीलंका।
- कैरेबियाई देश:- एंगुइला, एंटिगुआ और बरबुडा, बहमास, बारबाडोस, ब्रितानी वर्जिन द्वीप समूह, केमेन द्वीप समूह, डोमिनिका, ग्रेनेडा, जमैका, मोंसेरात, सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट लुसिया, सेंट विंसेट, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और टर्क्स एंड कैकॉस द्वीप।
- यूरोप:- साइप्रस, इंग्लैंड, जिब्राल्टर, गुएर्नसे, आइल ऑफ मैन, जर्सी, माल्टा, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स।
- ओशीनिया:- ऑस्ट्रेलिया, कुक द्वीप समूह, किरिबाती, नौरू, न्यूज़ीलैंड, नियू, नॉरफॉक आइलैंड, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमॉन द्वीप समूह, टोंगा, टुवालू और वैनुआतु।
राष्ट्रमंडल खेल:-यह राष्ट्रमंडल खेल सर्व प्रथम 1930 में हैमिलटन शहर, ओंटेरियो, कनाडा में आयोजित किए गए और इसमें 11 देशों के 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। प्रमुख एथलीट बॉबी रॉबिन्सन को प्रथम राष्ट्र मंडल खेलों के आयोजन का भार सौंपा गया। तब से हर चार वर्ष में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इनका आयोजन नहीं किया गया था। इन खेलों के अनेक नाम हैं, जैसे ब्रिटिश एम्पायर गेम्स, फ्रेंडली गेम्स और ब्रिटिश कॉमनवेल्थ गेम्स। वर्ष 1978 से इन्हें सिर्फ कॉमनवेल्थ गेम्स या राष्ट्रमंडल खेल कहा जाता है। आरम्भिक दौर में मूल रूप से इन खेलों में केवल एकल प्रतिस्पर्द्धात्मक खेल होते थे, 1998 में कुआलालम्पुर में आयोजित राष्ट्र मंडल खेलों में एक बड़ा बदलाव देखा गया जब क्रिकेट, हॉकी और नेटबॉल जैसे खेलों के दलों ने पहली बार अपनी उपस्थिति राष्ट्र मंडल खेलों में दर्ज की। राष्ट्रमंडल खेलों की मूल मान्यताएं:-वर्ष 2001 में राष्ट्रमंडल खेलों द्वारा मानवता, समानता और नियति की तीन मान्यताओं को अपनाया गया, जो राष्ट्रमंडल खेलों की मूल मान्यताएं हैं। क्वीन्स बेटन रिले ओलम्पिक टोर्च की तरह राष्ट्रमंडल खेलों में भी क्वीन्स बेटन रिले की औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं। ये मान्यताएं हजारों लोगों को प्रेरणा देती है और उन्हें आपस में जोड़ती हैं तथा राष्ट्रमंडल के अंदर खेलों को अपनाने का व्यापक अधिदेश प्रकट करती हैं। राष्ट्रमंडल खेलों का इतिहास:-एश्ली कूपर वे प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने सदभावना को प्रोत्साहन देने और पूरे ब्रिटिश राज के अंदर अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए एक अखिल ब्रितानी खेल कार्यक्रम आयोजित करने के विचार को प्रस्तुत किया। वर्ष 1928 में कनाडा के एक प्रमुख एथलीट बॉबी रॉबिन्सन को प्रथम राष्ट्र मंडल खेलों के आयोजन का भार सौंपा गया। ये खेल 1930 में हेमिल्टन शहर, ओंटेरियो, कनाडा में आयोजित किए गए और इसमें 11 देशों के 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।तब से हर चार वर्ष में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इनका आयोजन नहीं किया गया था। इन खेलों के अनेक नाम हैं जैसे ब्रिटिश एम्पायर गेम्स, फ्रेंडली गेम्स और ब्रिटिश कॉमनवेल्थ गेम्स। वर्ष 1978 से इन्हें सिर्फ कॉमनवेल्थ गेम्स या राष्ट्रमंडल खेल कहा जाता है। मूल रूप से इन खेलों में केवल एकल प्रतिस्पर्द्धात्मक खेल होते थे, 1998 में कुआलालम्पुर में आयोजित राष्ट्र मंडल खेलों में एक बड़ा बदलाव देखा गया जब क्रिकेट, हॉकी और नेटबॉल जैसे खेलों के दलों ने पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज की। वर्ष 2001 में इन खेलों द्वारा मानवता, समानता और नियति की तीन मान्यताओं को अपनाया गया, जो राष्ट्रमंडल खेलों की मूल मान्यताएं हैं। ये मान्यताएं हजारों लोगों को प्रेरणा देती है और उन्हें आपस में जोड़ती हैं तथा राष्ट्रमंडल के अंदर खेलों को अपनाने का व्यापक अधिदेश प्रकट करती हैं। क्वीन्स बेटन रिले ओलम्पिक टोर्च की तरह राष्ट्रमंडल खेलों में भी क्वीन्स बेटन रिले की औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं। इसमें प्रथम बार 1958 कें कार्डिफ (ब्रिटेन) में शुरू किया गया था। पारंपरिक रूप से बेटन रिले बकिंघम पैलेस से शुरू होता है। 19वां राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन 3-14 अक्टूबर 2010 के बीच दिल्ली में किया गया। इसमें 71देशों एवं क्षेत्र के 6081 एथलिटों ने 17 खेलों की 272स्पर्धाओं में भाग लिया। इन खेलों का उद्घाटन एवं समापन समारोह नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में संपन्न हुआ। एशिया में अभी तक दो बार ही राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन हुआ है। 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में हुआ। यह 20वें कॉमनवैल्थ गेम्स थे।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 का शुभंकर :-
बर्मिंघम गेम्स के शुभंकर का नाम पेरी रखा गया, जो खेलों की मेजबानी करने में मदद करेगा। पेरी एक बैल है, क्योंकि बर्मिंघम का पर्याय भी जानवर होता है। पेरी ने नीले, लाल और पीले रंग की धारियों वाला एक किट पहना हुआ है, जो बर्मिंघम फ्लैग के रंगों को दर्शाता है। बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में 28 जुलाई से 8 अगस्त तक लगभग 200 भारतीय एथलीटों ने 16 विभिन्न खेलों में पदक के लिए प्रतिस्पर्धा की। गोल्ड कोस्ट 2018 में पिछले संस्करण में, भारतीय एथलीटों ने कुल 66 पदक जीते थे। जिसमें 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल थे। इस तरह भारत मेजबान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे स्थान पर रहा था। निशानेबाजी के खेल ने गोल्ड कोस्ट 2018 में 66 पदकों में से 16 पदक जीतने में मदद की। हालांकि, बर्मिंघम 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों के प्रोग्राम से इस खेल को हटा दिया गया था। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से पूर्व हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने जीते कुल 503 पदकों में से 135 पदक निशानेबाजी में आए, जो किसी भी अन्य खेल में जीते गए पदकों की अपेक्षा सबसे अधिक थे। इसमें 2010 में नई दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेल के दौरान जीते गए भारतीय निशानेबाजों के 30 पदक भी शामिल हैं। इसी के ही कारण भारत ने इतिहास में अपने सबसे सफल राष्ट्रमंडल खेलों(कॉमनवेल्थ गेम्स) का आनंद उठाया, जिसमें उन्होंने कुल 101 पदक जीते। टोक्यो ओलंपिक भाला फेंक चैंपियन और विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता नीरज चोपड़ा चोट के कारण राष्ट्रमंडल खेल 2022 से बाहर होने से निश्चित रूप से भारत को एक पदक का नुकसान हो गया। निशानेबाजी खेल के शामिल नहीं होने और नीरज चोपड़ा की अनुपस्थिति में, भारतीय कुश्ती दल के ओलंपिक पदक विजेता रवि कुमार दहिया, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु, विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने राष्ट्रमंडल खेल (कॉमनवेल्थ गेम्स) 2022 में शानदार प्रदर्शन किया। इस राष्ट्रमंडल(कॉमनवेल्थ गेम्स) 2022 में, भारतीय एथलीटों ने कुल 61 पदक जीते। जिसमें 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य पदक शामिल रहे। संकेत सरगर बर्मिंघम में पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे, जिन्होंने पुरुषों की 55 किग्रा भारोत्तोलन स्पर्धा में रजत पदक जीता था।वहीं, मीराबाई चानू राष्ट्रमंडल खेल 2022 में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय थीं, जबकि जेरेमी लालरिनुंगा बर्मिंघम में शीर्ष पोडियम हासिल करने वाले पहले भारतीय एथलीट थे। इनके अतिरिक्त सुधीर ने सीडब्ल्यूजी 2022 में पैरा स्पोर्ट्स में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। वह पैरा पावरलिफ्टिंग पुरुषों के हैवीवेट वर्ग में चैंपियन बने।
राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारतीय पदक विजेता
- संकेत सरगर सिल्वर मेंस 55 किग्रा वेटलिफ्टिंग
- गुरुराज पुजारी ब्रॉन्ज मेंस 61 किग्रा वेटलिफ्टिंग
- मीराबाई चानू गोल्ड वूमेंस 49 किग्रा वेटलिफ्टिंग
- बिंदियारानी देवी सिल्वर वूमेंस 55 किग्रा वेटलिफ्टिंग
- जेरेमी लालरिनुंगा गोल्ड मेंस 67 किग्रा वेटलिफ्टिंग
- अचिंता शेउली गोल्ड मेंस 73 किग्रा वेटलिफ्टिंग
- सुशीला देवी सिल्वर वूमेंस 48 किग्रा जूडो
- विजय कुमार यादव ब्रॉन्ज मेंस 60 क्रिग्रा जूडो
- हरजिंदर कौर ब्रॉन्ज वूमेंस 71 किग्रा वेटलिफ्टिंग
- भारतीय महिला टीम गोल्ड वूमेंस फोर लॉन बाउल्स
- भारतीय पुरुष टीम गोल्ड मेंस इवेंट टेबल टेनिस
- विकास ठाकुर सिल्वर मेंस 96 क्रिग्रा वेटलिफ्टिंग
- भारतीय मिक्स्ड टीम सिल्वर मिक्स्ड टीम बैडमिंटन
- लवप्रीत सिंह ब्रॉन्ज मेंस 109 किग्रा वेटलिफ्टिंग
- सौरव घोषाल ब्रॉन्ज मेंस सिंगल्स स्क्वैश
- तूलिका मान सिल्वर वूमेंस +78किग्रा जूडो
- गुरदीप सिंह ब्रॉन्ज मेंस 109+ किग्रा वेटलिफ्टिंग
- तेजस्विन शंकर ब्रॉन्ज मेंस हाई जंप एथलेटिक्स
- मुरली श्रीशंकर सिल्वर मेंस लॉन्ग जंप एथलेटिक्स
- सुधीर गोल्ड मेंस हेवीवेट पैरा पावरलिफ्टिंग
- अंशु मलिक सिल्वर वूमेंस 57 किग्रा रेसलिंग
- बजरंग पुनिया गोल्ड मेंस 65 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग
- साक्षी मलिक गोल्ड वूमेंस 62 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग
- दीपक पूनिया गोल्ड मेंस 86 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग
- दिव्या काकरन ब्रॉन्ज वूमेंस 68 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग
- मोहित ग्रेवाल ब्रॉन्ज मेंस 125 किग्रा रेसलिंग
- प्रियंका गोस्वामी सिल्वर वूमेंस 10,000 मीटर रेस वॉक एथलेटिक्स
- अविनाश साबले सिल्वर मेंस 3000 मीटर स्टीपलचेज एथलेटिक्स
- भारतीय पुरुष टीम सिल्वर मेंस फोर लॉन बाउल्स
- जैस्मीन लम्बोरिया ब्रॉन्ज वूमेंस 60 किग्रा लाइटवेट बॉक्सिंग
- पूजा गहलोत ब्रॉन्ज वूमेंस 50 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग
- रवि कुमार दहिया गोल्ड मेंस 57 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग
- विनेश फोगाट गोल्ड वूमेंस 53 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग
- नवीन गोल्ड मेंस 74 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग
- पूजा सिहाग ब्रॉन्ज वूमेंस 76 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग
- दीपक नेहरा ब्रॉन्ज मेंस 97 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग
- मोहम्मद हुसामुद्दीन ब्रॉन्ज मेंस 57 किग्रा फेदरवेट बॉक्सिंग
- रोहित टोकस ब्रॉन्ज मेंस 67 किग्रा वेल्टरवेट बॉक्सिंग
- भाविना पटेल गोल्ड वूमेंस सिंगल्स क्लासेस 3-5 पैरा टेबल टेनिस
- सोनलबेन पटेल ब्रॉन्ज वूमेंस सिंगल्स क्लासेस 3-5 पैरा टेबल टेनिस
- महिला हॉकी टीम ब्रॉन्ज वूमेंस टीम हॉकी
- नीतू घंगास गोल्ड वूमेंस 48 किग्रा मिनिममवेट बॉक्सिंग
- अमित पंघल गोल्ड मेंस फ्लाईवेट 51 किग्रा बॉक्सिंग
- एल्धोस पॉल गोल्ड मेंस ट्रिपल जंप एथलेटिक्स
- अब्दुल्ला अबूबकर सिल्वर मेंस ट्रिपल जंप एथलेटिक्स
- संदीप कुमार ब्रॉन्ज मेंस 10000 मीटर रेस वॉक एथलेटिक्स
- अन्नू रानी ब्रॉन्ज वूमेंस जैवलिन थ्रो एथलेटिक्स
- निकहत जरीन गोल्ड वूमेंस 50 किग्रा लाइट फ्लाईवेट बॉक्सिंग
- शरत कमल/जी साथियान सिल्वर मेंस डबल्स टेबल टेनिस
- दीपिका पल्लीकल / सौरव घोषाल ब्रॉन्ज मिक्स्ड डबल्स स्क्वैश
- किदांबी श्रीकांत ब्रॉन्ज मेंस सिंगल्स बैडमिंटन
- भारतीय महिला टीम सिल्वर वूमेंस T20 क्रिकेट
- शरत कमल/श्रीजा अकुला गोल्ड मिक्स्ड डबल्स टेबल टेनिस
- त्रिशा जॉली / पुलेला गायत्री गोपीचंद ब्रॉन्ज वूमेंस डबल्स बैडमिंटन
- सागर अहलावत सिल्वर मेंस 92+ किग्रा सुपर हेवीवेट बॉक्सिंग
- पीवी सिंधु गोल्ड वूमेंस सिंगल्स बैडमिंटन
- लक्ष्य सेन गोल्ड मेंस सिंग्ल्स बैडमिंटन
- साथियान गणानाशेखरन ब्रॉन्ज मेंस सिंग्ल्स टेबल टेनिस
- सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी / चिराग शेट्टी गोल्ड मेंस डबल्स बैडमिंटन
- शरत कमल गोल्ड मेंस सिंग्ल्स टेबल टेनिस
- भारतीय पुरुष हॉकी टीम सिल्वर मेंस हॉकी हॉकी
राष्ट्रमंडल खेल 2022: भारतीय पदक विजेता
खेल |
स्वर्ण पदक |
रजत पदक |
कांस्य पदक |
कुल पदक |
रेसलिंग |
6 |
1 |
5 |
12 |
वेटलिफ्टिंग |
3 |
3 |
4 |
10 |
एथलेटिक्स |
1 |
4 |
3 |
8 |
बॉक्सिंग |
3 |
1 |
3 |
7 |
बैडमिंटन |
3 |
1 |
2 |
6 |
टेबल टेनिस |
3 |
1 |
1 |
5 |
जूडो |
0 |
2 |
1 |
3 |
लॉन बाउल्स |
1 |
1 |
0 |
2 |
स्क्वैश |
0 |
0 |
2 |
2 |
हॉकी |
0 |
1 |
1 |
2 |
पैरा टेबल टेनिस |
1 |
0 |
1 |
2 |
पैरा पावरलिफ्टिंग |
1 |
0 |
0 |
1 |
क्रिकेट |
0 |
1 |
0 |
1 |
कुल |
22 |
16 |
23 |
61 |
RANK | COUNTRY | TOTAL | |||
---|---|---|---|---|---|
4. |
![]() |
22 | 16 | 23 | 61 |
1. |
![]() |
67 | 57 | 54 | 178 |
2. |
![]() |
57 | 66 | 53 | 176 |
3. |
![]() |
26 | 32 | 34 | 92 |
5. |
![]() |
20 | 12 | 17 | 49 |
6. |
![]() |
13 | 11 | 27 | 51 |
7. |
![]() |
12 | 9 | 14 | 35 |
8. |
![]() |
8 | 6 | 14 | 28 |
9. |
![]() |
7 | 9 | 11 | 27 |
10. |
![]() |
7 | 8 | 8 | 23 |
11. |
![]() |
7 | 7 | 4 | 18 |
12. |
![]() |
6 | 6 | 3 | 15 |
13. |
![]() |
6 | 5 | 10 | 21 |
14. |
![]() |
4 | 4 | 4 | 12 |
15. |
![]() |
3 | 2 | 1 | 6 |
16. |
![]() |
3 | 0 | 2 | 5 |
17. |
![]() |
2 | 3 | 6 | 11 |
18. |
![]() |
2 | 3 | 3 | 8 |
19. |
![]() |
1 | 4 | 0 | 5 |
20. |
![]() |
1 | 1 | 1 | 3 |
20. |
![]() |
1 | 1 | 1 | 3 |
20. |
![]() |
1 | 1 | 1 | 3 |
23. |
![]() |
1 | 1 | 0 | 2 |
23. |
![]() |
1 | 1 | 0 | 2 |
25. |
![]() |
1 | 0 | 1 | 2 |
26. |
![]() |
1 | 0 | 0 | 1 |
27. |
![]() |
0 | 3 | 2 | 5 |
28. |
![]() |
0 | 2 | 3 | 5 |
29. |
![]() |
0 | 2 | 2 | 4 |
30. |
![]() |
0 | 2 | 1 | 3 |
31. |
![]() |
0 | 1 | 3 | 4 |
32. |
![]() |
0 | 1 | 2 | 3 |
33. |
![]() |
0 | 1 | 1 | 2 |
33. |
![]() |
0 | 1 | 1 | 2 |
35. |
![]() |
0 | 1 | 0 | 1 |
35. |
![]() |
0 | 1 | 0 | 1 |
35. |
![]() |
0 | 1 | 0 | 1 |
35. |
![]() |
0 | 1 | 0 | 1 |
39. |
![]() |
0 | 0 | 4 | 4 |
40. |
![]() |
0 | 0 | 1 | 1 |
40. |
![]() |
0 | 0 | 1 | 1 |
40. |
![]() |
0 | 0 | 1 | 1 |
40. |
![]() |
0 | 0 | 1 | 1 |
44. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
45. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
46. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
47. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
48. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
49. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
50. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
51. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
52. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
53. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
54. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
55. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
56. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
57. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
58. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
59. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
60. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
61. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
62. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
63. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
64. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
65. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
66. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
67. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
68. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
69. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
70. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
71. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
72. |
![]() |
0 | 0 | 0 | 0 |
भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में 1934से भाग लेना आरम्भ किया था तब से लगाकर अभी तक 503पदक जीते हैं।स्वतंत्रता के पश्चात 1958में स्थिति सुधरनी शुरू हुई, देश के महान एथलीट(धावक) सरदार मिल्खा सिंह राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय बने थे। अब भारत राष्ट्रमंडल खेलों में एक ताकत बन गया है। इस तरह से सन 2000के दशक पश्चात भारत लगातार पदक तालिका में शीर्ष पाँच देशों में शामिल होता चला आ रहा है।भारत का इस बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में और भी उत्कृष्ट प्रदर्शन हो सकता था । यदि खेलसंघों खिलाड़ियों तथा कोचों के मध्य उचित तालमेल स्थापित हुआ होता।किन्तु खेल संघों की मनमानी, खिलाड़ियों पर अनुचित मानसिक दबाव,व्यवसाइक रुप से कोच एवं कोचिंग की अव्यवस्था उस पर ही खेल प्रशासकों की मनमर्जी तथा अन्य ऐसी कितनी ही कमियाँ रही हैं, जिनके चलते खिलाड़ियों का खेल प्रभावित होता रहा है। हमारे देश में खेल के विश्व पटल पर बड़ी ताकत बनने की पूर्ण क्षमता है, लेकिन यह तब ही संभव हो सकता है जब देश की सरकार और इसके द्वारा बनाये गये खेल प्रबंधक अपनी क्षमताओं को सही तरह से अंजाम देते हुए, समग्रता से व्याप्त कमियों को दूर करने के साथ साथ खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं समयानुसार प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य करेंगे!