
अशोकनगर:आज यह देखने में स्पष्ट रूप से आ रहा है कि हमारे देश के लोग भी अमेरिकी लोगों की तरह बेडोल और जरूरत से ज्यादा मोटापे की और अग्रसर होते जा रहे है।ध्यान पूर्वक विश्लेषण करने के साथ ही यह स्पष्टतः सामने आया है कि आधुनिकता की अँधी भेड़चाल में ऐसे फंसे कि अस्वस्थ जीवनशैली में उलझकर उत्पन्न कर दीं कितनी ही जटिल बीमारियों के साथ साथ सबसे बड़ी बीमारी मोटापा। यह बीमारी अब पूरी दुनिया में एक महामारी की तरह बन गई है।हमारे देश भारत में भी अनेकों लोग इस मोटापा के शिकार हैं। मोटापे के कारण शरीर में कितने ही प्रकार की दिक्कतें होने लगती हैं। जब यह दिक्कतें असहनीय रूप से बढ़ने लगती हैं तो लोग मोटापा कम करने के लिए उपाय तलाशने लगते हैं। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।अब कितने ही लोग आलस्य और उचित जानकारी के अभाव अपना अनचाहा भार कम नहीं कर पाते हैं।
आखिर यह मोटापा क्या है:-
किसी व्यक्ति के शरीर का भार, सामान्य से अधिक हो जाता तो उसे मोटापा (obesity) कहते हैं। प्रतिदिन जितनी कैलोरी भोजन के रूप में लेते हैं, किन्तु जब इस कैलोरी को शरीर कतिपय कारणों से खर्च नहीं कर पाता है, तब शरीर में यह अतिरिक्त कैलोरी वसा के रूप में जमा होने लगती है, जिससे शरीर में अनचाहे रूप से भार में वृद्धि होने लगती है।
मोटापा होने के प्रमुख कारण:-
जब व्यक्तियों की गलत दिनचर्या और गलत खानपान, अपच के साथ ही साथ प्रदूषण के कारण शरीर में वसा(Toxin) की मात्रा ज्यादा एकत्रित हो जाती है तो स्वभाविक है ऐसे व्यक्ति के शरीर का भार अधिक (Over Weight) हो जाता है । शारीरिक सिथिलता और असंतुलित भोजन ग्रहण करनेवाले लोगों में इस तरह प्रमुख रूप से शरीर की भार वृद्धि के लिए दो कारण माने जा सकते हैं।
मोटापे के लक्षण (Obesity Symptoms):-
- व्यक्ति का भार उसकी उचित बी.एम.आई. से ही जाना जा सकता है। यह बी.एम.आई. दो बातों पर निर्भर करती है कि व्यक्ति के शरीर का भार और लंबाई कितनी क्या है।
- बीएमआई से शरीर का भार निकालने का सटीक तरीका है - भार (कि.ग्रा.)/लंबाई (मीटर)।यदि किसी व्यक्ति की बीएमआई 18.5 से कम है तो वो व्यक्ति अनुपात से कम भार वाला अंडरवेट माना जायेगा।
- ऐसे ही कोई व्यक्ति बीएमआई 18.5 से 24.9 के मध्य है तब उस व्यक्ति का भार सामान्य ही माना जाएगा।
- और कोई व्यक्ति यदि 25 से 029.9 तक की बी.एम.आई. है तो वह व्यक्ति आवश्यकता से अधिक भार वाला व्यक्ति कहलायेगा।
- इससे भी आगे यदि किसी व्यक्ति में 30 से अधिक बी.एम.आई. पायी जाती है तो फिर ऐसा व्यक्ति को मोटा( ओबीज ) की श्रेणी में ही रखा जायेगा।किन्तु यह बी.एम.आई.आयु तथा लिंग पर निर्भर नहीं होती और न ही यह सीमा गर्भवती महिलाओं पर मान्य नहीं की जा सकती।
- मोटापा घटाने के लिए पिएं गुनगुना पानी उबालकर आधा किया हुआ जल आधा-आधा गिलास करके दिन में ढाई से तीन लीटर पीना चाहिए। इससे आम का पाचन भी हो जाता है, और पेट भरा होने से भूख भी कम लगती है। यह हल्का, सुपाच्य, आम का पाचन करता है। यह शरीर के सभी सूक्ष्म से सूक्ष्म गंदगी को साफ करता है, और पेशाब तथा पसीना लाता है।
भार कम करने के लिए आपका भोजन(Your Diet for Obesity):-
मोटापे से मुक्ती पाने के लिए व्यक्ति का खान-पान ऐसा होना चाहिए जिसमें यह वस्तुएं हैं बहुत कारगर करें सेवन :-
जठराग्नि को बढ़ाने वाले भोजन जैसे कि अदरक, पपीता, करेला, जीरा, सरसों, सौंफ, अजवायन, काली मिर्च, सोंठ, पिप्पली, सहजन, पालक, चौलाई आदि पत्तेदार सब्जियां लौकी, तोरई, परवल, बींस, सलाद, पत्ता गोभी, खीरा, ककड़ी, गाजर, चुकंदर, सेब आदि लेने चाहिए। जयी, जौ, बाजरा, रागी, मूंग दाल, मसूर, आंवला, नींबू, शहद, हल्दी, एलोवेरा जूस, आंवला जूस, ग्रीन टी, स्टीम किये हुये अंकुरित अनाज आदि का भी सेवन करना चाहिए।
मौसमी फल और सब्जियों का सेवन जरूरी:-
जिस क्षेत्र एवं स्थान और मौसम में जहाँ जो भी फल एवं सब्जियां पैदा होती है, उनमें से अपनी प्रकृति के अनुसार वो ही खाना चाहिए। जैसे कि ठण्डी जगहों एवं ठण्डे मौसम में गर्म तासीर वाले भोज्य पदार्थ तथा गर्म जगहों एवं मौसम में ठण्डी तासीर वाले भोजन खाने चाहिए।
कम वसा वाले दूध से होता है वजन कम:-
कम वसा वाले दूध का प्रयोग करें क्योंकि इसमें वसा कम होने की वजह से कैलोरी कम होती है जबकि कैल्शियम अधिक होता है और यह अतिरिक्त कैल्शियम शरीर के भार को घटाता है।हल्के भोजन से होता है भार कम:-
सुबह का भोजन भारी, दोपहर का भोजन उससे हल्का व रात्रि का भोजन सबसे हल्का होना चाहिए अर्थात् रात्रि में कम से कम भोजन तथा हल्का व शीघ्र पचने वाला भोजन करना चाहिए।रात में सोने से कम से कम 2 घंटा पहले भोजन करना चाहिए। इसी तरह हो सके तो सूर्यास्त से पहले भोजन कर लेना चाहिए, क्योंकि सूर्यास्त के बाद जठराग्नि मन्द हो जाती है और भोजन पचने में कठिनाई होती है। दिन में नहीं सोना चाहिए। ये मोटापा दूर करने के असरदार उपाय हैं।
अच्छी भूख लगने पर ही करें भोजन:-
जब खाया हुआ भोजन हजम हो जाये, फिर भूख तेजी से न लगने लग जाये , तब तक अगला भोजन नहीं करना चाहिए। भोजन समय पर करना चाहिए तथा जितनी भूख हो उससे थोड़ा कम ही भोजन करना चाहिए। वह भी खूब चबा-चबाकर ग्रहण करना चाहिए। यह भार नियंत्रित करने का सबसे सरल एवं उचित उपाय है। मोटापा से छुटकारा पाने के लिए आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
- सुबह दिन निकलने के पूर्व उठ जाएँ, पैदल घूमने जायें तथा यथायोग्य व्यायाम करें।
- सोने से दो घण्टे पूर्व भोजन अवश्य कर लें ।
- सदैव भोजन हल्का करें ,जो बहुत आसानी से हजम हो सके। संतुलित और कम वसा वाला आहार लें।
- हमेशा जो भी आहार लें उसमें आवश्यक रूप पोषक तत्वों को सम्मलित करें।
- एक साथ भोजन की जगह थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ सुपाच्य एवं हल्का - फुल्का ही खाना उचित होता है। भोजन में हरी सब्जियाँ, फल,नट्स, दही, छाछ, छिलके वाली दालें होनी चाहिए। फलों के रस के अतिरिक्त गुनगुने जल का उपयोग करें । यदि हो सके तो सप्ताह में एक बार उपवास जरूर रखें।
- शरीर का भार कम करने के लिए भोजन करना कभी बंद नहीं करें। इसकी अपेक्षा संतुलित आहार लेते हुए व्यायाम करना ठीक रहता है। जहाँ संतुलित भोजन करने से भार नियंत्रित होता है, वहीं व्यक्ति का स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहता है।
- भोजन कभी न छोड़ें। दिन भर में तीन बार भोजन अवश्य करें। अगर आप तीनों समय के भोजन में से किसी एक बार का भोजन छोड़ते हैं तो इसका नतीजा यह होता कि आप अगली बार के भोजन में अधिक आहार का सेवन करते हैं और इसके कारण से भार बढ़ता है। नाश्ता आवश्यक रूप सें करें। दिन भर शारीरिक क्रियाएँ करने के लिए शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो कि बिना नाश्ते के सम्भव नहीं है।
- प्रतिदिन सुबह 4-5 किलोमीटर तेजी से पैदल चलें उसके 10 मिनट बाद कुर्सी पर बैठकर जितना हो सके गुनगुना जल घूंट-घूंट पियें।
भार घटाने में जरूरी है परहेज :-
- मोटापे से मुक्ति पाने के लिए शक्कर, नमक एवं मैदा जितना हो सके कम से कम खाने में उपयोग करें।
- कफ को बढ़ाने वाले भोजन तथा पेय पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
- प्रचुर कार्बोहाइड्रैट युक्त भोजन यथा चावल, आलू, सकरकन्दी आदि, मिठाईयां, मीठे पेय पदार्थ, कोल्ड ड्रिंक्स, तले हुये खाद्य पदार्थ, फास्ट फूड, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, चाकॅलेट, मक्खन, पनीर, मछली, अंडा, मांस सोडा आदि ये सभी कफ तथा आम को बढ़ाने वाले होते है।
- इसी प्रकार कफज प्रकृति के लोगों को हल्का भोजन, पित्तज प्रकृति के लोगों को ठण्डे तासीर वाला भोजन तथा वातज प्रकृति वाले लोगों को मीठा तथा उष्ण तासीर का भोजन करना चाहिए।चावल और उससे बने पदार्थों को बहुत तादाद में लेने से बचे। गेंहू के आंटे से बने हुये खाद्य पदार्थो का जैसे कि रोटी आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।
मोटापे के कारण हो सकती हैं बीमारियां :-
मोटापे के चलते व्यक्ति के जीवन में कितनी ही समस्यायें पैदा ही नहीं होती बल्कि तरह की कई गम्भीर बीमारियां होने का अंदेशा भी बना रहता हैं। अतः डायबिटीज, अर्थराइटिस, उच्च रक्तचाप, ब्रेन स्ट्रोक एवं कैंसर जैसे गंभीर रोगों से कितने ही व्यक्तियों का शरीर घिर जाता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बहुत हिसाब किताब से रहते तथा संतुलित आहार भी लेते हैं, किन्तु उनका शरीर गेंद की तरह हो जाता है। संबंध में कुछ वर्ष पूर्व हुये अनुसंधान से यह बात सामने आयी कि ऐसे लोगों में "ओबी" नामक हॉर्मोन्स की मात्रा अधिक पाई गई, जो आदमियों की अपेक्षा महिलाओं में देखा गया है।यह ओबी हॉर्मोन्स ही प्रमुख रूप से कारण माना गया है मोटापे का कारण ।अतः समय रहते इसकी आवश्यक रूप से जाँच उपरांत हॉर्मोन्स चिकित्सा करना ही उचित कदम है ।